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नौनिहालों को काल से बचाएगी रोटा वैक्सीन

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नौनिहालों को काल से बचाएगी रोटा वैक्सीन अच्छी खबर यह है कि नवजातों को असमय काल से बचाने के लिए रोटा वायरस वैक्सीन शुरू हो चुकी है। यह भारत सरीखे विकासशील देश के लिए गौरव की बात है। उत्तर प्रदेश 11वां राज्य है, जहां इस वैक्सीन को शुरू किया गया है। भारत में सबसे पहले यह वैक्सीन नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में 2016 में ओडिशा में शुरू की गई थी। उसके बाद इसे हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और झारखंड में शुरू किया गया। बेहद खुशी का मुकाम है कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में रोटा वैक्सीन शामिल की जा रही है। प्रत्येक बच्चे को क्रमशः 6, 10, 14 सप्ताह की उम्र पर रोटा वैक्सीन की पांच बूंदे पिलाई जानी हैं। आखिरी खुराक अधिकतम 32 सप्ताह की उम्र तक दी जा सकती है।      देश में मई 2018 तक 2.1 करोड़ से अधिक रोटा वायरस वैक्सीन बच्चों को दी जा चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि रोटा वायरस वैक्सीन से शुरूआती दौर में हर साल डायरिया से 57 लाख नवजात शिशुओं का बचाव किया जा सकेगा। आकड़ों के मुताबिक 2013 में रोटा वायरस से होने वाले डायरिया की चपेट में आकर लगभग