अंतर्मन को झकझोरता है "दरपन"

अंतर्मन को झकझोरता है "दरपन

'दरपन' हिंदी कोटेशन की एक अनूठी किताब है, जो हर व्यक्ति के अंतर्मन को झकझोरने के Iलिए काफी है। किताब की खासियत यह है कि इसमें आसान हिंदी के आसान हिंदी का प्रयोग किया गया है। लेखक अरशद रसूल की इस किताब को अबीहा पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है। पॉकेट साइज में 64 पेज की इस किताब में जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर आसान हिंदी शब्दों में अनमोल कोटेशन है। छोटा साइज होने के कारण किताब को आसानी से जेब में भी रखा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मानक पुस्तक संख्या के साथ प्रकाशित यह किताब वास्तव में पढ़ने योग्य है। 

किताब को अमेज़न, फ्लिपकार्ट से खरीदा जा सकता है। यह किंडल ईबुक स्टोर पर भी उपलब्ध है। लेखक ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से प्रभावित होकर इस किताब को लिखा है। विश्व हिंदी दिवस पर प्रकाशित यह किताब कलाम साहब को ही समर्पित की गई है। उदाहरण के तौर पर पेश हैं कुछ कोटेशन-

कभी भी किसी से जलना नहीं चाहिए। अंतर्मन से निकलने वाला धुआं अपने ही बुद्धि-विवेक और आत्मा को दूषित कर देता है।

दुनिया को बदल देने का मिशन नाकाम हो सकता है। अपने वुजूद को ही दुनिया मानकर खुद को बदलने की ठानिए, यह बहुत आसान है। 

हमें दौलत के मामले में हमेशा नीचे और इल्म, हुनर, खूबियों के मामले में हमेशा ऊपर देखना चाहिए। खुश रहने का यह नायाब तरीक़ा है।

भलाई और सामाजिक काम करने के लिए सरकारी नहीं, संस्कारी होना जरूरी है।

हमेशा कमज़र्फ़ और धोखेबाज़ लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहिए, क्योंकि इनकी ही वजह से हिम्मत मिलती है और हम कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते हैं।

रिपोर्ट- नुज़हत राना

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