फ़ैज़ान मदीने का...
फ़ैज़ान मदीने का...
हसरत है मिरे दिल की, अरमान मदीने काऐ काश बनूं में भी मेहमान मदीने का
यह भी है ज़माने पर एहसान मदीने का
मिलता है ज़माने को फैजान मदीने का
पैग़म्बरे आज़म की हम पर जो इनायत है
माना है दो आलम ने एहसान मदीने का
देते हैं पता मुझको जन्नत की बहारों का
बागात मदीने के, मैदान मदीने का
सरकारे दो आलम का मस्कान है मदीने में
यूं भी तो हुआ शैदा इंसान मदीने का
गुस्ताखे नबी तूने रिफअत ही कहां देखी?
मेअयार ज़रा तू भी पहचान मदीने का
हसरत ही निकल जाए, तकदीर पे नाज़ा हो
बन जाए अगर "अरशद" दरबान मदीने का

Mashaallah bahut khoob
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